Income Tax Return Filers Number Increased By 90 Percent In Last 9 Years Since AY 2013-14 Says CBDT


Direct Tax Collection: मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 7.41 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है जिसमें 53 लाख ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्होने पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने डेटा जारी किया है जिसमें मुताबिक 2013-14 एसेसमेंट ईयर के दौरान इनकम रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 3.36 करोड़ थी जो 90 फीसदी के उछाल के साथ 2021-22 एसेसमेंट ईयर के दौरान बढ़कर 6.37 करोड़ हो गई.

सीबीडीटी ने कहा कि आयकर रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी टैक्स दायरे में आने वालों की संख्या में बढ़ोतरी और विभाग की ओर से रिफॉर्म की दिशा में उठाये गए कदमों का नतीजा है. 

सीबीडीटी के मुताबिक आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स की संख्या तो बीते सालों में बढ़ी ही है. वहीं अलग अलग ग्रॉस टोटल इनकम रेंज में भी रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ी है.

– 5 लाख रुपये के इनकम वाले कुल 2.62 करोड़ टैक्सपेयर्स ने 2013-14 एसेसमेंट ईयर में रिटर्न भरा था. जिसकी संख्या 32 फीसदी बढ़कर 2021-22 एसेसमेंट ईयर में बढ़कर 3.47 करोड़ हो गई .

– 5 लाख से 10 लाख रुपये और 10 लाख से 25 लाख रुपये तक ग्रॉस इनकम वाले टैक्सपेयर्स जिन्होंने आईटीआर दाखिल किया उनकी संख्या 2013-14 से 2021-22 एसेसमेंट ईयर के दौरान 295 फीसदी और 291 फीसदी बढ़ी है. सीबीडीटी के मुताबिक ग्रॉस इनकम रेंज के मामले में माइग्रेशन पॉजिटिव ट्रेंड की ओर इशारा कर रहा है.

– सीबीडीटी ने अपने डेटा में बताया कि टॉप एक फीसदी इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स के कुल इनकम के योगदान के अनुपात में सभी व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के इनकम से कम हो गया है. 2013-14 से 2021-22 एसेसमेंट ईयर के बीच कुल इनकम में टॉप एक फीसदी टैक्सपेयर्स का योगदान 15.9 फीसदी से घटकर 14.6 फीसदी पर आ गया है.

– नीचे से 25 फीसदी टैक्सपेयर्स का कुल इनकम में योगदान 2013-14 एसेसमेंट ईयर से 2021-22 एसेसमेंट ईयर के दौरान 8.3 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गया है.

– बीच के 74% टैक्सपेयर्स का कुल आय में आनुपातिक योगदान 75.8% से बढ़कर 77% हो गई है.

– जबकि टैक्सपेयर्स का कुल औसतन आय 2013-14 एसेसटमेंट में रहे 4.5 लाख करोड़ रुपये से 56 फीसदी बढ़कर एसेसमेंट ईयर 2021-22 में बढ़कर 7 लाख रुपये हो गया है. जिसमें इनकम के लिहाज से टॉप एक फीसदी टैक्सपेयर्स का आय 42 फीसदी बढ़ा है जबकि निचले 25 फीसदी टैक्सपेयर्स की कुल औसतन आय 58 फीसदी बढ़ी है.

सीबीडीटी के मुताबिक इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि एसेसमेंट ईयर 2013-14 के बाद से अलग अलग आय वाले लोगों की इनकम में शानदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. 2013-14 के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6.38 लाख रुपये रहा था जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16.61 लाख रुपये पर जा पहुंचा है. सीबीडीटी के मुताबिक टैक्सपेयर्स फ्रेंडली  और टैक्सपेयर्स के हितों वाली पॉलिसी के चलते ऐसा हुआ है.  

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